

मुक्केबाजी में अखिल हार गए और एक पदक की उम्मीद टूट गयी पर एक उम्मीद अपने देश में ही तोड़ दी गयी थी। वेटलिफ्टर मोनिका से भी पदक की उम्मीदें थीं। लेकिन खेल संघों की गन्दी राजनीती ने उसे चीन जाने ही नहीं दिया।
सवाल है कि कौन है मोनिका का दोषी?
क्या वो सिर्फ़ मोनिका का ही दोषी है या पूरे देश का?
मोनिका हंगामे के बाद निर्दोष साबित हुई पर दोषी को क्या सजा मिलेगी?
मोनिका मणिपुर पहुँची तो उसका नायकों की तरह स्वागत हुआ। पीडा के चरम से गुज़री मोनिका की रुलाई फूट पड़ी। फ़िर एक सवाल कि उसके आंसू कौन पोछेगा?