सोमवार, 26 दिसंबर 2011

लाल मूंगे के देश में-एक


























एक दिसंबर २०११ की दोपहर चाइना एयरलाइंस की फ्लाइट से जब ताइवान के लिए चला तो वहां के बारे में कोई खास अंदाजा नहीं था। थोड़ी देर की हिचकिचाहट के बाद सहयात्री से परिचय हुआ तो पता चला कि वह हमारी टीम से है। सहयात्री दीप्ति मुंबई में ट्रैवल कंपनी काक्स एं‌ ड किंग्स में सीनियर एक्जीक्यूटिव थी। उसी की मदद से ३५००० फुट की उंचाई से समंदर में तैरते फेन जैसे बादलों की एक तस्वीर ली। ताइवान की राजधानी ताइपेई पहुंचने में छह घंटे लगे। जब पहुंचे तो वहां रात के दस बज चुके थे। कस्टम चेकिंग के दौरान दल के अन्य सदस्यों से परिचय हुआ। मेरे समेत कुल आठ लोग। इसमें से छह ट्रेवल कंपनीज के प्रतिनिधि और दो जर्नलिस्ट। अपना बै ग कलेक्ट करने के बाद बाहर लाबी में ताइवान टूरिज्म ब्यूरो की सिंगापुर आफिस की अधिकारी वेन चेरा और गाइड जैक्सन हू इंतजार कर रहे थे। गर्मजोशी से स्वागत के बाद मैं ताइवानी करंसी के जुगाड़ में लगा। मेरे पास भारतीय मुद्रा थी और मास्टर कार्ड था। एयरपोर्ट पर एक्सचेंज काउंटर पर भारतीय मुद्रा एक्सचेंज की सुविधा नहीं थी। मेल टुडे के पत्रकार रोहन के पास भी पौंड था। फिर वहां के एटीएम को ट्राइ किया गया, वहां किसी का कार्ड नहीं चला। फिर निराश टीम के पास लौटे। एयरपोर्ट से निकलते निकलते ११ बज गए थे। टेंपरेचर १८ के करीब था। बस में गाइड जैक्सन ने बताया कि होटल में खाना नहीं मिलेगा। रास्ते में ही कुछ पैक करा लें। मेरे साथ वेज का चक्कर था। मैकडोनाल्ड में कुछ भी वेज नहीं मिला। हम चार लोगों को लेकर गाइड दूसरे स्टोर में गए। वहां भी प्योर वेज के नाम पर पोटैटो फिंगर और चिप्स मिला। हमारे और रोहन के पास ताइवानी पैसे थे नहीं तो पेमेंट यूएस डालर में दीप्ति ने किया। साढ़े ११ बजे होटल हावर्ड पहुंचे। रिशेप्सन पर कमरे का इंट्री कार्ड लेने और सुबह आठ बजे मिलने के वादे के साथ विदा हुए। कमरा अच्छा था। भूख लग चुकी थी। कमरे में प्लेट में सेब (एप्पल) रखा था। पोटैटो फिंगर और सेब के साथ भूख मिटाई और सो गए। सुबह सात बजे ही नहा धोकर पैकिंग कर तैयार हो गए। रोहन के साथ सेकेंड फ्लोर पर ब्रेकफास्ट के लिए पहुंचा। पहले से काफी भीड़ थी। पता चला कि ताइवान में छह बजे से ब्रेकफास्ट का समय शुरू हो जाता है। वेज ढूंढने में समय लगा। हमारे साथवाले वेजीटेरियन अंडा लेते थे। उन्हें खास दिक्कत नहीं हुई। पर मैंने सुरक्षित तरीका अपनाते हुए फ्रूट जूस और ब्रेड बटर से काम चलाया। बाकी साथी आए तब तक हम चेक आउट कर आए। होटल में शानदार इंटीरियर के साथ कुछ तस्वीरे खींची। यहां से हमें ताइवान के दूसरे सबसे बड़े शहर काउशिओंग हाइस्पीड ट्रेन से जाना था।