सोमवार, 18 अगस्त 2008
अखिल तो हारे पर मोनिका को किसने हराया
मुक्केबाजी में अखिल हार गए और एक पदक की उम्मीद टूट गयी पर एक उम्मीद अपने देश में ही तोड़ दी गयी थी। वेटलिफ्टर मोनिका से भी पदक की उम्मीदें थीं। लेकिन खेल संघों की गन्दी राजनीती ने उसे चीन जाने ही नहीं दिया।
सवाल है कि कौन है मोनिका का दोषी?
क्या वो सिर्फ़ मोनिका का ही दोषी है या पूरे देश का?
मोनिका हंगामे के बाद निर्दोष साबित हुई पर दोषी को क्या सजा मिलेगी?
मोनिका मणिपुर पहुँची तो उसका नायकों की तरह स्वागत हुआ। पीडा के चरम से गुज़री मोनिका की रुलाई फूट पड़ी। फ़िर एक सवाल कि उसके आंसू कौन पोछेगा?
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5 टिप्पणियां:
सिस्टम से मिली पीड़ा के बाद मोनिका को प्यार की जरूरत है वह उसे अपने घर मणिपुर में मिल रहा है। पर दोषियों की पहचान और उनको सजा जरूरी है।
aapne बहुत दिनों केबाद लेकिन सही सवाल उठाए हैं। देश चारो तरफ फैले भ्रष्टाचार का ही नतीजा खेल में दिखता है। क्लीनचिट पाने के बाद भी जिस तरह से मोनिका भटकती रही और फिर उसे बीजिंग जाने से मना कर दिया गया। इसी से साजिश का पता चलता है। क्या वह अमेरिका या चीन की खिलाड़ी होती तो भी क्या ऐसा ही होता ? शायद नहीं। यही हमारे देश का दुर्भाग्य है।
iske bad sabhi khel sanghon ko bhang kar khel mantralay ke adhin kar dena chahiye.
पूरी चयन प्रक्रिया की पड़ताल की आवश्यक्ता है.
आपका ब्लॉग देखा, काफी अच्छा लगा।
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