लगता है कि कांग्रेस मान चुकी है कि गुजरात के महाभारत में मोदी की जीत होगी। पहले चरण के मतदान के दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान से तो ऐसा ही लगता है। मनमोहन सिंह ने कहा कि भाजपा लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार इसलिए घोषित कर रही है क्योंकि उसके नेताओं को डर है कि मोदी इस पर दावा पेश करेंगे। मनमोहन सिंह के इस बयान में ही मोदी की जीत के संकेत छिपे हैं। लेकिन कैसे? आएं इसे समझने की कोशिश करते हैं।
यह सभी जानते हैं कि गुजरात चुनाव मोदी के लिए राजनीतिक तौर पर जीवन मरण का प्रश्न बन चुका है। हारने पर भाजपा के विरोधी ही उन्हें रसातल में भेजने को तैयार होंगे। जीतने पर कम से कम गुजरात में उनका कद पार्टी से बड़ा हो जाएगा और तभी वह प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष पद के लिए दावा कर सकेंगे। मनमोहन अगर कह रहे हैं कि मोदी ऐसा करनेवाले थे और इसे रोकने के लिए आडवाणी के नाम की घोषणा की गई है तो इसका मतलब है कि वे मान रहे हैं कि मोदी सत्ता में वापस लौट रहे हैं। तो फिर क्या कांग्रेस गुजरात में हारी हुई लड़ाई लड़ रही है? जाहिर है कि जवाब हां होगा। कम से कम कांग्रेस नेतृत्व तो कम से कम यही मान रहा है। यही वजह है कि नरेंद्र मोदी पर मौत का सौदागर कहकर हमला बोलनेवाली सोनिया गांधी चुनाव आयोग को भेजे जवाब में इससे पलट जाती हैं। अगर उन्हें जीत की उम्मीद होती तो कांग्रेस के नेता मतदान से पहले या तो चुनाव आयोग को जवाब नहीं भेजते या फिर अपनी बात पर अड़े रहते। लेकिन केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट ने कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष तसवीर साफ कर दी। अगर गुजरात में मोदी हार भी जाते हैं तो यह वैसा ही होगा जैसा कांग्रेस का केंद्र में बिना उम्मीद के सत्ता हाथ लगना। इसके पीछे बड़ी वजह कांग्रेस की कमजोर रणनीति भी रही है। गुजरात में जिस तरह से भाजपा ने नरेंद्र मोदी के कद को विस्तारित कर जनता के सामने रखने में कोई व्यवधान नहीं डाला उसका असर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर भी पड़ा। वे मोदी के कद के सामने कांग्रेस की ओर से किसी नेता को लोगों के सामने नहीं रख पाए। शंकर सिंह वाघेला या अन्य दूसरे गुजराती कांग्रेसी नेताओं में किसी को आगे करने की बजाय कांग्रेस के रणनीतिकार भाजपा के बागियों में अपनी पार्टी के लिए सत्ता में लौटने का अवसर तलाशते रहे। यही गुजरात में कांग्रेस की कमजोर कड़ी साबित हो रही है।
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1 टिप्पणी:
badhai, aapne jo likha tha, wohi hua. Ab conress kya karegi.
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